यज्ञ म्हणजे संस्कृतीचे संवर्धन, पर्यावरणाची शुद्धीकरण, विश्वाच्या कल्याणासाठी केलेली ईश्वराची सर्वोच्च उपासना.

आप दिव्यांगों को अलग नजर से न देखें,
हमेशा सहाय्यता, ओर सहानुभूति देकर उनका निम्न मुल्यांकन न करें।

उन्हें समान अवसर देकर उनकी प्रतिभा को अंकुरित एवं विकसित होने दें।