हैदराबाद येथे झालेल्या सांस्कृतिक स्पर्धेत जनकल्याण दिव्यांग पुनर्वसन केंद्रास द्वितीय पारितोषिक

आप दिव्यांगों को अलग नजर से न देखें,
हमेशा सहाय्यता, ओर सहानुभूति देकर उनका निम्न मुल्यांकन न करें।

उन्हें समान अवसर देकर उनकी प्रतिभा को अंकुरित एवं विकसित होने दें।