संवेदना बहुविकलांग मुलांच्या शाळेतील विशेष मुलांना *"कथा ऐका रंगाची*" ही बालनाटिका सादर

आप दिव्यांगों को अलग नजर से न देखें,
हमेशा सहाय्यता, ओर सहानुभूति देकर उनका निम्न मुल्यांकन न करें।

उन्हें समान अवसर देकर उनकी प्रतिभा को अंकुरित एवं विकसित होने दें।