जिल्हास्तरीय क्रीडा स्पर्ध्येत ""संवेदना बहुविकलांग शाळेला प्रथम पारितोषिक"

आप दिव्यांगों को अलग नजर से न देखें,
हमेशा सहाय्यता, ओर सहानुभूति देकर उनका निम्न मुल्यांकन न करें।

उन्हें समान अवसर देकर उनकी प्रतिभा को अंकुरित एवं विकसित होने दें।