आता ! ‘महिला’ अबला नाहीत सबला आहेत. – मा. न्यायाधीश कंकणवाडी मँडम

आप दिव्यांगों को अलग नजर से न देखें,
हमेशा सहाय्यता, ओर सहानुभूति देकर उनका निम्न मुल्यांकन न करें।

उन्हें समान अवसर देकर उनकी प्रतिभा को अंकुरित एवं विकसित होने दें।